Delhi Assembly Elections 2025: दलित बहुल सीटों पर भाजपा की नजर, 18 हजार कार्यकर्ताओं और बड़े नेताओं संग चला रही संपर्क अभियान!
- By Arun --
- Monday, 13 Jan, 2025
BJP Targets Dalit-Dominated Seats with 18,000 Workers and Top Leaders in Outreach Drive
नई दिल्ली, 13 जनवरी: BJP Focuses on Dalit Seats with 18,000 Workers: दिल्ली में विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू हो चुकी है। भाजपा 10 साल से सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी को हराने की कोशिश में जुटी है। पार्टी का फोकस इस बार दलित बहुल इलाकों पर है। पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा को इन क्षेत्रों में निराशा का सामना करना पड़ा था, क्योंकि 12 अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित सीटों में से भाजपा को एक भी सीट नहीं मिल पाई थी।
30 निर्वाचन क्षेत्रों में विशेष रणनीति
भाजपा के नेताओं के अनुसार, दिल्ली के 30 विधानसभा क्षेत्रों में दलित समुदाय का खासा प्रभाव है। इनमें 12 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं, जहां दलित मतदाताओं की संख्या 17 से 45 प्रतिशत तक है। इसके अलावा 18 अन्य सीटों पर भी दलित समुदाय का 25 प्रतिशत तक वोट बैंक है। इनमें राजेंद्र नगर, चांदनी चौक, आदर्श नगर, शाहदरा, तुगलकाबाद और बिजवासन जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
'विस्तारक' मॉडल पर काम
दिल्ली भाजपा एससी मोर्चा ने इन 30 क्षेत्रों में संपर्क अभियान के लिए 'विस्तारक' मॉडल अपनाया। वरिष्ठ दलित कार्यकर्ताओं को विस्तारक के रूप में नियुक्त किया गया, जिन्होंने प्रत्येक क्षेत्र में पर्सन टू पर्सन संपर्क बनाने के लिए 10 दलित युवाओं को जोड़ा। इन युवाओं को 5,600 से अधिक बूथों पर सक्रिय किया गया, जिनमें से 1,900 बूथों पर विशेष ध्यान दिया गया।
18,000 कार्यकर्ताओं का अभियान
भाजपा ने दलित समुदाय के बीच मोदी सरकार की उपलब्धियों को साझा करने और आम आदमी पार्टी की 10 साल की 'विफलताओं' को उजागर करने के लिए 18,000 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को तैनात किया। इन कार्यकर्ताओं ने झुग्गियों और अनाधिकृत कॉलोनियों में बड़े स्तर पर संपर्क किया।
बड़े दलित नेताओं की भागीदारी
भाजपा ने 55 प्रमुख दलित नेताओं को भी इस अभियान में शामिल किया। इनमें उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और हरियाणा के पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद शामिल थे। इन नेताओं ने दलित बहुल क्षेत्रों में बैठकें आयोजित कर मतदाताओं से बातचीत की।
भाजपा को जीत की उम्मीद
भाजपा का मानना है कि इस बार के सतत और केंद्रित संपर्क अभियान से उसे इन क्षेत्रों में पहले से बेहतर प्रदर्शन का मौका मिलेगा। पार्टी के मुताबिक, अगर यह रणनीति सफल रही, तो भाजपा दिल्ली में अपना किला मजबूत कर सकती है।